बता दें कि भारत सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन को झटका दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सरकार ने आज संचार विभाग और राज्य के स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को 4 जी को लागू करने के लिए चीनी उपकरणों का उपयोग बंद करने का निर्देश दिया।
यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि सरकार ने इस संबंध में सभी निविदाओं को बंद करने का आदेश दिया है और नए निविदाओं को वापस लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। सरकार चीनी कंपनियों को 4 जी के लिए कोई नया टेंडर जारी नहीं करेगी और नए टेंडर वापस लिए जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरकार ने निजी कंपनियों को भी ये निर्देश देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रकार, भारत में चीनी उत्पादों की खपत को कम करने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। इस कदम को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्व-विश्वसनीय भारत अभियान के तहत भी माना जा सकता है।आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में विभिन्न देशों की 12 कंपनियों के साथ कुल 16,000 करोड़ रुपये के निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें चीन के तीन शामिल हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, तीनों चीनी कंपनियों ने कुल 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। लेकिन इस सौदे से भी निराशा हो सकती है |बताते चलें कि भारत में बहुत सारे चीनी सामानों का उपयोग किया जाता है। चीन में मोबाइल कंपनियों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का बहुत अधिक माल है जो विदेशों में निर्यात और आयात किया जाता है।
