हर कोई अपने अच्छे भविष्य के लिए तत्पर रहता है ,और इसको सही करने के लिए तरह तरह के उपाय करता है चाहे वो उपाय ज्योतिष का हो या फिर कुछ होर .इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहन बारह दिसम्बर को होने जा रहा है ,और लगभग बारह राशियों पर इसका असर होगा .ये सूर्य ग्रहन एशिया ,ऑस्ट्रेलिया और भारत में देखा जायेंगा ,ज्योतिषयो की माने तो ग्रहन के बारह घंटे पहले सूतक चालू हो जाता है और ग्रहन ख़तम होने तक रहता है .ये सूर्य ग्रहन 26 दिसम्बर को आठ बजे आरंभ होगा और दस बजे तक चलेंगा ,इस दिन वीरवर और पोष अमावस्या रहेंगी ,ग्रहन के बाद स्नान करने को कहा जाता है .ग्रहन से जुडी कुछ पुराणी मान्यता है तो चलिए उसके बारे में आपको बताते है .
पंडित शर्मा जी के अनुसार पुराने समय में समुद्र मंधन हुआ था जिसमे देवता और असुरो ने भाग लिया था ,जब समुद्र में से अमृत निकला तो उसके लिए देवताओ और असुरो में लड़ाई होने लगी .तब भगवान् विष्णु ने मोहिनी का अवतार ले कर देवताओ को अमृत का पान करवाया ,तब राहू नाम का असुर भी देवताओ के वेश में आ गया और उसने भी अमृत का पान कर लिया .तब चन्द्र और सूर्य ने राहू को देख लिया और विष्णु जी को बता दिया ,तब विष्णु जी ने राहू का धड अलग कर दिया .पर वो मरा नहीं क्योकि उसने अमृत का पान कर लिया था ,इसलिए राहू सूर्य और चन्द्र से दुश्मनी रखता है और समय समय पर इन ग्रहो को ग्रसता है .
वैज्ञानिको के माने तो जब पृथ्वी ,सूर्य और चन्द्रमा एक लाइन में सीधे आ जाये तो सूर्य ग्रहण होता है ,इस दिन अमावस्या पड़ रही है तो पितरो को तर्पण जरूर करे .सूर्य ग्रहण पर बारह राशियों पर प्रभाव पड़ेंगा ,मेष,वृष ,मिथुन ,सिंह ,कन्या ,ये ग्रहण अशुभ फल देने वाला है ,वही दूसरी तरफ कर्क ,तुला ,कुम्भ,मीन राशि के लिए अच्छा फल देने वाला बताया गया है इस बार .